धन्य धन्य है धन्य जीवन

on Thursday, January 28, 2010
शब्दों में शब्द मृदुलतम है जो
स्वरों में स्वर समवेतम् है जो
अक्षरों में अक्षर ओंकार है जो
वायु में वायु प्राणवायु है जो

मृदुल समवेत ओंकार जीवन
ममता का अनुपम संसार जीवन
बुद्धि शुद्धि समृद्धि पथ पर
पल पर अग्रसर है ये जीवन

जीवन के क्षण-क्षण प्रतिक्षण
जीवन का आधार है जो
प्राणमय उस प्राणाधार को
सहस्त्र करों से उपहार जीवन।

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